है ज़रूरी मेरी ज़िन्दगी के लिए
लौट आओ घड़ी दो घड़ी के लिए
तेरे जाने से ऐसी हुई तीरगी
दिल जलाना पड़ा रौशनी के लिए
हमने देखी है उनकी भी रंगीनियां
वो जो मशहूर हैं सादगी के लिए
जान जाती है यूं तो जुदाई में पर
हम जुदा होंगे तेरी खुशी के लिए
राह तकती हैं मेरी भी नदियां कई
ख़ुद को प्यासा रखा इक नदी के लिए
हौसला है तो लड़ ज़िन्दगी से ऐ दोस्त
बुज़दिली चाहिए ख़ुदकुशी के लिए
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